परिभाषा
परियोजना
किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु जो विस्तृत कार्य-योजना बनायी और कार्यान्वित की जाती है, उसे परियोजना (project/assignment) कहते हैं। यह नियमित एवं व्यवस्थित रूप से स्थिर किया गया विचार एवं स्वरूप की लिखित प्रस्तुत ही परियोजना करते हैं।
अतः कह सकते हैं --
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परियोजना-कार्य मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है।
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यह परीक्षा का विकल्प नहीं बल्कि पूरक है।
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परियोजना-कार्य का मुख्य उद्देश्य केवल परिणाम का मूल्यांकन करना नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण प्रक्रिया का मूल्यांकन भी है।
परियोजना-कार्य के क्रियान्वयन के मुख्य उद्देश्य
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नयी सोच का स्वागत, विद्यार्थी-अधिगम केन्द्रित।
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लिखित परीक्षा के द्वारा विद्यार्थियों की जिन योग्यताओं का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता, वह परियोजना कार्य द्वारा संभव है। जैसे-स्वभाव, रुचि, आदर्श, सोचने का ढंग,सामाजिकता आदि।
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परियोजना-कार्य द्वारा छात्रों के मूल्यांकन का अवसर देकर शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यताओं को सशक्त करना।
परियोजना-कार्य निर्धारित करने के सामान्य निर्देश
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ऐसे परियोजना-कार्य चुने जिनके विविध उद्देश्य हों। जैसे – परीक्षा का सारांश, चप्पल का उद्देश्य, सच्चे वीरों के गुण आदि।
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परियोजना-कार्य के लिए निर्धारित किए गए उद्देश्य की सम्पूर्ण प्राप्ति हो।
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परियोजना-कार्य का विषयवस्तु छात्रों के अनुसंधान के लिए सहज हो।
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कक्षा में पढ़ाए गए विषय पर ही परियोजना-कार्य आधारित हो।
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छात्रों को संदर्भ तलाशने और अनुसंधान करने का अवसर प्राप्त हो।
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परियोजना-कार्य कक्षा के औसत छात्र को ध्यान में रखकर तैयार
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किया जाए किन्तु तेज छात्रों के लिए भी समुचित अवसर हो।
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परियोजना-कार्य विद्यार्थियों की क्षमता के अनुकूल हों।
परियोजना-कार्य की योजना
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इस बात पर विशेष ध्यान रखें कि परियोजना-कार्य को पूर्ण करने के लिए छात्रों के पास ढाँचागत सुविधाएँ उपलब्ध हों।
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परियोजना-कार्य कक्षा की सामान्य शैक्षणिक गतिविधियों का हिस्सा हो।
परियोजना-कार्य के विकास के भिन्न स्तर
विषय का चुनाव
कार्य की रूपरेखा
सामग्री का संचयन
प्रस्तुति
समापन
कार्यक्षेत्र
परियोजना-कार्य का प्रारूप
पृष्ठ - १
नाम ः ----------------------------------------------------------------------------------------------
कक्षा ः ------------------------------------------- वर्ग ः -------------------------------------------
क्रमांक ः -------------------------------------------------------------------------------------------
विद्यालय ः -----------------------------------------------------------------------------------------
पृष्ठ - २
विषय सूची
क्रमांक | दिनांक | विषय | पृष्ठ संख्या | शिक्षक-हस्ताक्षर
पृष्ठ - ३
आभार-ज्ञापन
कोई भी कार्य बिना लक्ष्य के सुव्यवस्थित रूप से पूर्ण नहीं होता। यदि विषय सुगठित, सुललित और उद्देश्यपूर्वक होगा, तो वह प्रेरणाप्रद सिद्ध होगा।
मैं________________________, कक्षा नवीं/दसवीं का/की छात्र/छात्रा हूँ और मैंने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए परियोजना की रचना की है।
इस परियोजना के संकलन के लिए मैं अपने विद्यालय के/की प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या _______________________व अपनी कक्षा के/की अध्यापक/अध्यापिका श्रीमान/श्रीमती________________________का /की अत्यंत आभारी हूँ, जिनकी छत्रछाया व कुशल दिशा-निर्देश को पाकर ही मैं इस परियोजना को सफल रूप दे पाया/पायी हूँ। वास्तव में इनका सहयोग व मार्गदर्शन मेरे लिए अत्यंत उत्साहवद्र्धक था, जिससे मुझे पूरा सहयोग प्राप्त हुआ। ईश्वर की असीम अनुकंपा, गुरुजनों का कुशल निर्देशन, सहपाठियों का स्नेहमयी सहयोग व माता-पिता के सहयोगात्मक आचरण द्वारा ही मैं अपने इस परियोजना को पूर्ण करने में समर्थ हो सका/सकी हूँ।
- धन्यवाद
परियोजना-कार्य के विषय
शब्द सीमा = 400 शब्दों
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समाचार-पत्र।
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जनवरी-दिसम्बर (२०१२) माह में घटित महत्त्वपूर्ण घटनाओं की एक सचित्र सूची तैयार कीजिए।
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पिछले दो महीनों में आपके द्वारा जाने गए किन्हीं पाँच व्यक्ति, जिन्होंने आपको प्रभावित किया हो, उनके विषय में सविस्तार लिखिए।
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एक मौलिक कहानी लिखिए जिसका आधार निम्नलिखित उक्ति हो--- “नीड़ का निर्माण फिर-फिर सृष्टि का आह्वान फिर-फिर ”
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किसी परिचित व्यक्ति का साक्षात्कार लीजिए। (सचित्र)
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सचिन के जीवन की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उनके सौवें शतक का वर्णन कीजिए।
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भारतीय सभ्यता और संस्कृति की तुलना दुनिया के किसी अन्य देश की सभ्यता-संस्कृति से कीजिए और उन दोनों में क्या-क्या समानताएँ हैं, उनका वर्णन कीजिए।
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इनसानी लालच और स्वार्थ ने प्रकृति का विनाश किया है। - इस कथन के पक्ष अथवा विपक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए।